नई दिल्ली । भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों को बड़ी सफलता मिली है। अमेरिकी चिप-मेकिंग टूल्स निर्माता लैम रिसर्च देश में 10 हजार करोड़ रुपए का निवेश करने जा रही है। इसकी घोषणा केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की। यह निवेश कर्नाटक में किया जाएगा। राज्य की निवेश एजेंसी इन्वेस्ट कर्नाटक ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस घोषणा की पुष्टि की और बताया कि कर्नाटक इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट बोर्ड के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
अश्विनी वैष्णव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि हमारे सेमीकंडक्टर सफर में एक और मील का पत्थर। लैम रिसर्च ने भारत में 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के बड़े निवेश की घोषणा की है। लैम रिसर्च सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए जरूरी उपकरण विकसित करने वाली प्रमुख कंपनी है। इसके उत्पाद मुख्य रूप से वैफर प्रोसेसिंग और सेमीकंडक्टर डिवाइसेस की वायरिंग में इस्तेमाल किए जाते हैं। इन्वेस्ट कर्नाटक’ के एक्स हैंडल से भी इस निवेश को लेकर जानकारी साझा की गई।
एक पोस्ट में कहा गया कि इन्वेस्ट कर्नाटक 2025–ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में, लैम रिसर्च के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सेशा वरदराजन ने कर्नाटक में बड़े निवेश की घोषणा की। हमने केआईएडीबी के साथ एक एमओयू साइन किया है, जिसके तहत अगले कुछ सालों में 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया जाएगा। यह राज्य में नवाचार और विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।
भारत में सेमीकंडक्टर कंपनियों को आकर्षित करने के लिए केंद्र सरकार ने 2021 में 76 हजार करोड़ रुपए का प्रोत्साहन पैकेज घोषित किया था। सालों से इस क्षेत्र में विश्वसनीय निवेश लाने में असफल रहा भारत, 2023 में माइक्रोन को गुजरात में 22,500 करोड़ रुपए की टेस्टिंग और पैकेजिंग यूनिट स्थापित करने के लिए राजी कर लिया था। इसके बाद फरवरी 2024 में 1.3 लाख करोड़ रुपए के तीन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। अब लैम रिसर्च के निवेश से भारत के सेमीकंडक्टर सेक्टर को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।
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