मकर संक्रांति पर उत्तरायण हुए भगवान सूर्य,श्रद्धालुओं ने किया स्नान, दान
जरमुंडी । मकर संक्रांति पर भगवान सूर्य के उत्तरायण होने के उपलक्ष्य पर मंगलवार को बाबा बासुकीनाथ को तिल गुड़ और दही का भोग लगाकर विशेष पूजा अर्चना की गई। कपकपाती ठंढ के बावजूद तड़के सुबह से ही श्रद्धालुओं ने शिवगंगा में स्नान कर भोलेनाथ की पूजा अर्चना कर तिल और गुड़ निवेदित किया। भगवान सूर्य के उत्तरायण होने के उपलक्ष्य पर मंगलवार को मकर संक्रांति के पुण्यकाल को लेकर दिनभर श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना किया और सुख समृद्धि की कामना कर परिजनों के लिए भोलेनाथ से कुशल क्षेम का आशीर्वाद मांगा। मकर संक्रांति पर तड़के सुबह बाबा बासुकीनाथ मंदिर के कपाट खोले गए और गर्भगृह की सफाई के पश्चात पुजारी द्वारा ज्योतिर्मय भगवान, नागेश्वर बासुकीनाथ की षोडशोपचार विधि से पूजा अर्चना की। पूजारी सदाशिव पंडा ने सर्वप्रथम विघ्नहर्ता श्रीगणेशजी की अर्चना कर गौरीपट में शिव पार्षदों यथा नंदीश्वर महाराज, वीरभद्र,स्वामी कार्तिकेय, कुबेर, कीर्तिमुख, सर्पराज वासुकि और बिन्दुस्वरूपा माता पार्वती की पूजा की। इसके बाद न्यास,ध्यान आदि के द्वारा भोलेनाथ को आसन, पाद्य,अर्घ्य, आचमन,स्नान निवेदित कर दुध,दही,घी,मधु,शर्करा आदि पंचामृत स्नान कराया। ततपश्चात इत्र,सुगंधित द्रव्य आदि से गंधोदक स्नान कराकर वस्त्र,उपवस्त्र, जनोव,चंदन, सुगंधित द्रव्य,परिमल द्रव्य, भांग आदि निवेदित किया गया। सुंदर फुलों की पुष्पमालाएं अर्पित कर, फूल, बेलपत्र इत्यादि चढ़ाया गया। तिल, गुड़, दही, लाई और ऋतुफल आदि का सुस्वादु भोग लगाकर बाबा बासुकीनाथ की विशेष पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर अनेक उपचार निवेदन के पश्चात भोलेनाथ को मकर संक्रांति पर तिल,गुड, तिल से बने पक्वान्न, मिष्ठान्न का भोग लगाया गया। इस मौके पर फौजदारी बाबा को गुड़ के साथ भांग भी मिलाकर निवेदित किया गया। इस अवसर पर बाबा बासुकीनाथ मंदिर के गर्भगृह में बासुकिनाथ मंदिर पंडा धर्म रक्षिणी सभा के सदस्य गण पंडा पुरोहित समाज के गणमान्य लोग मौजूद थे।