चंदन मिश्र
वर्ष 2024 ने आखिरकार अलविदा कर दिया है। कई खट्टी-मीठी यादों को समेटे साल विदा लेते हुए नई संभावनाओं की दस्तक देते हुए वर्ष 2025 का स्वागत कर रहा है। झारखंड के लिए वर्ष 2024 कई मायनों में यादगार रहेगा। राजनीतिक दृष्टिकोण से बीता वर्ष केंद्र और राज्य में सत्ता को लेकर अविस्मरणीय रहेगा। केंद्र में भाजपा गठबंधन और झारखंड में झामुमो गठबंधन की सरकार दुबारा सत्तारूढ़ हुई। झारखंड में सत्ता को लेकर जबरदस्त सियासी जंग हुई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पद से इस्तीफा देकर भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाना पड़ा। इस बीच लोकसभा का चुनाव सामने आ गया। झामुमो को इसी साल कल्पना सोरेन के रूप में एक नया ऊर्जावान और युवा नेता मिला। कल्पना सोरेन ने यह सिद्ध कर दिया है कि झामुमो में हेमंत सोरेन को सहयोग करने के लिए एक दमदार नेता का आविर्भाव हो चुका है।
लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव में भी कल्पना सोरेन ने अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय दे दिया है। कल्पना सोरेन दो बार गांडेय विधानसभा चुनाव लड़कर विधायक बनीं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इसी साल जेल से बाहर आए। दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। फिर विधानसभा चुनाव लड़कर भारी बहुमत से चुनाव जीते और तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। केंद्र में आदिवासी मामलों के मंत्री रहे अर्जुन मुंडा लोकसभा का चुनाव हारे और सांसदी के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री पद से भी हाथ धो बैठे। साल के आखिर में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ओडि़शा के राज्यपाल के पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया। कयास लगाया जा रहा है कि रघुवर दास अब भाजपा से जुड़कर फिर से सक्रिय राजनीति करेंगे।
वर्ष 2025 कई मुद्दों को लेकर स्वागत करने को उत्सुक है। झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व नई सरकार के गठन के बाद कई नए चेहरों को मंत्री बनने का अवसर प्राप्त हुआ। राधाकृष्ण किशोर, चमरा लिंडा, शिल्पी नेहा तिर्की, सुदिव्य कुमार सोनू जैसे विधायकों को मंत्री बनाया गया। पुराने चेहरों को इस बार मंत्री बनने का मौका नहीं मिला। झारखंड में एक लंबे अंतराल के बाद वरिष्ठ महिला आईएएस अधिकारी अलका तिवारी को मुख्य सचिव बनाया गया है। कई बड़े अधिकारी सेवानिवृत्त हो गए। झारखंड की सरकार ने जनता के लिए कई लोक लुभावन योजनाएं घोषित की है। इसे लागू करने की दिशा में सरकार ने सारा जोर लगा दिया है।
सबसे अहम महिला सम्मान योजना है, जिसके अंतर्गत 18 साल से ऊपर 50 साल तक की उम्र की महिलाओं को 2500 रुपए हर माह दिया जा रहा है। आनेवाला नया वर्ष झारखंड की हेमंत सरकार के लिए बड़ी चुनौती पूर्ण होगा। सरकार को ज्यादा से ज्यादा राजस्व संग्रह बढ़ाना होगा। क्योंकि सरकार ने लोक लुभावन जितनी योजनाएं घोषित की हैं उन्हें लागू करने में ज्यादा धन की आवश्यकता होगी। सरकार को अपने किए वायदों को पूरा करना होगा। उधर मुख्य विपक्षी दल भाजपा के लिए भी आनेवाला वर्ष कम चुनौतीपूर्ण नहीं होगा। भाजपा को नए वर्ष में नया प्रदेश अध्यक्ष मिलेगा। भाजपा को आनेवाले दिनों के लिए संगठन को मजबूत करना होगा। भाजपा को सत्ता में आने के लिए लंबा संघर्ष करना होगा। सड़क से लेकर सदन तक की लड़ाई लडऩी होगी।