नई दिल्ली । भारत के अधिकतर नॉलेज वर्कर्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग कर रहे हैं। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय नॉलेज वर्कर्स में 46 प्रतिशत लोग एआई के एडवांस यूजर हैं, जो इस मामले में अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया से भी आगे हैं। भारत के बाद, अमेरिका में 34 प्रतिशत नॉलेज वर्कर्स के पास एआई का एडवांस नॉलेज है, जबकि जर्मनी में यह आंकड़ा 32 प्रतिशत, फ्रांस में 26 प्रतिशत और ऑस्ट्रेलिया में 23 प्रतिशत है। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय नॉलेज वर्कर्स एआई के उपयोग से महत्वपूर्ण उत्पादकता लाभ महसूस कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, जो लोग एआई को सिंपल टूल (स्टेज 1) के रूप में उपयोग करते हैं, वे औसतन प्रतिदिन 104 मिनट बचाते हैं, जबकि वैश्विक औसत लगभग 45 मिनट है। वहीं, अगर एआई को एक स्ट्रैटिजिक पार्टनर के रूप में उपयोग किया जाए (स्टेज 4), तो यह लाभ 127 मिनट प्रतिदिन तक बढ़ जाता है। एटलसियन के एआई उत्पाद प्रमुख, जमील वलियानी ने कहा, एआई की पूरी क्षमता का इस्तेमाल करने के लिए कंपनियों को केवल एआई टूल स्थापित करना पर्याप्त नहीं है, उन्हें अपने कर्मचारियों को इसका प्रयोग करने का अवसर भी देना होगा। उन्होंने यह भी बताया कि टीमों को एआई को एक स्ट्रैटिजिक पार्टनर के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित और सशक्त महसूस कराना महत्वपूर्ण है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि जो भारतीय संगठन प्रयोगों को बढ़ावा देते हैं और कर्मचारियों को एआई का स्वतंत्र रूप से उपयोग करने का अवसर देते हैं, वे बेहतर परिणाम प्राप्त करते हैं।रिपोर्ट के अनुसार, एआई के एडवांस यूजर्स में से 96 प्रतिशत का मानना है कि एआई के साथ को-क्रिएशन के जरिए वे काम की क्वालिटी में सुधार कर पाए हैं। इसके अलावा, 87 प्रतिशत एडवांस यूजर्स ने बताया कि उनकी लीडरशिप एआई टूल्स के साथ इनोवेशन और एक्सपेरिमेंट को बढ़ावा देने वाले वातावरण को प्रमुख कारक मानती है, जो उनकी सफलता में मदद करता है।
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