नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश में संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त छह विधायकों को अयोग्य करार देने वाले हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ विधायक के तौर पर अयोग्यता की कार्रवाई नहीं होगी पर अभी वो संसदीय सचिव के तौर पर काम नहीं कर पाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि अभी आगे किसी विधायक की संसदीय सचिव के तौर पर नियुक्ति नहीं होगी। हिमाचल प्रदेश सरकार की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता रहे भाजपा विधायकों को नोटिस जारी किया है।
13 नवंबर को हाई कोर्ट ने 2006 के उस कानून को रद्द कर दिया था, जो राज्य सरकार को विधायकों की संसदीय सचिव के तौर पर नियुक्ति का अधिकार देता है। हाई कोर्ट ने न केवल संसदीय सचिव के तौर पर नियुक्ति को रद्द किया था बल्कि इस नियुक्ति को लाभ का पद मानते हुए उनके खिलाफ बतौर विधायक अयोग्यता की कार्रवाई का भी आदेश दिया था।