पेशेवर ले सकते हैं लाभ, नौकरीपेशा व्यक्ति को कार लोन पर टैक्स में रियायत का लाभ नहीं मिलेगा
नई दिल्ली । होम लोन पर सरकार की ओर से इस पर 3.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिल जाती है। इसमें 80सी के तहत ब्याज पर 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट मिलती है, जबकि 24बी के तहत मूलधन पर सालाधाना 2 लाख रुपये तक टैक्स छूट दिया जाता है लेकिन क्या आपको पता है कि होम लोन की तरह कार लोन पर भी टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं। आखिर कैसे आप इन दोनों लोन पर भी टैक्स छूट ले सकते हैं, इसकी पूरी जानकारी यहां दी जा रही है। दरअसल, कार एक लग्जरी उत्पाद मानी जाती है इसलिए सामान्य तौर पर इसके लोन पर टैक्स छूट का लाभ नहीं मिलता है लेकिन अगर आप पेशेवर हैं यानी डॉक्टर, इंजीनियर या वकील हैं अथवा अपनी कार का इस्तेमाल कारोबार के लिए करते हैं तो आयकर अधिनियम के तहत रिटर्न में दावा कर सकते हैं। नौकरीपेशा व्यक्ति को कार लोन पर टैक्स में रियायत का लाभ नहीं मिलेगा। अगर आप कार लोन पर टैक्स छूट का दावा करना चाहता हैं, तो यह जरूरी है कि इसका इस्तेमाल कारोबारी काम में ही किया जाए। जैसे आप इसे किराये पर चलाते हैं, ट्रेवल एजेंसी में उपयोग करते हैं या कारोबार के काम से खुद चलाते हैं। अगर पेशेवर हैं तो भी आप कार लोन पर सालाना दिए जाने वाले ब्याज के बराबर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। इसके लिए दिए गए ब्याज की रकम को रिटर्न भरते समय कारोबार की लागत के तौर पर दिखाना होगा। कार लोन के ब्याज पर ही नहीं, बल्कि सालाना इस्तेमाल किए गए ईंधन और कार के रखरखाव पर हुए खर्च को भी आयकर छूट में शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा कार के खरीद मूल्य में सालाना आने वाली कमी यानी डेप्रिसिएशन कॉस्ट पर भी रियायत ले सकते हैं। हालांकि, ईंधन पर हुए खर्च की निश्चित रकम पर ही टैक्स छूट मिलती है और डेप्रिसिएशन कॉस्ट भी कार के मूल्य का 15-20 फीसदी सालाना होता है। इस तरह, अगर आपकी सालाना आय 10 लाख रुपये है और 70 हजार रुपये कार लोन का ब्याज देते हैं, तो आयकर की गणना 9.30 लाख रुपये पर की जाएगी। इसमें ईंधन और डेप्रिसिएशन कॉस्ट शामिल नहीं है।
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