हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या के बाद विश्व दो खेमों में बंटने लगा…
वाशिंगटन,तेहरान । हमास चीफ इस्माइल हानिया की मौत के बाद मिडिल-ईस्ट में तनाव बढ़ गया है। हानिया की मौत के बाद ईरान की चेतावनी के बाद बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने मध्य पूर्व में अतिरिक्त लड़ाकू विमान और नौसेना के युद्धपोत तैनात करने का फैसला किया है। अमेरिका ने कहा है कि वह ईरान और उसके सहयोगी हमास और हिजबुल्लाह से खतरों को देखते हुए सुरक्षा को मजबूत करेगा है। अमेरिका को अंदेशा है कि तेहरान में हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या की मौत का बदला लेने के लिए हमला कर सकता है। इससे मिडिल-ईस्ट में विश्वयुद्ध जैसे हालात निर्मित हो गए हैं। उधर, ईरान ने हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या की व्यापक जांच शुरू कर दी है। ईरान ने तेहरान स्थित एक आईआरजीसी कुद्स फोर्स द्वारा संचालित गेस्टहाउस में वरिष्ठ खुफिया अधिकारियों, सैन्य अधिकारियों और कर्मचारियों सहित दो दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है, जहां हमास नेता की हत्या की गई थी।
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने मध्य पूर्व और यूरोप में अतिरिक्त नौसेना क्रूजर और डिस्ट्रॉयर भेजने की मंजूरी दे दी है जो बैलिस्टिक मिसाइलों को मारकर गिरा सकते हैं। पेंटागन ने एक बयान में कहा कि ऑस्टिन ने अमेरिकी सैन्य दस्तों में समायोजन का आदेश दिया है, जिसका उद्देश्य अमेरिकी सेना की सुरक्षा को मजबूत करना, इजरायल की रक्षा के लिए सहयोग बढ़ाना और यह तय करना है कि अमेरिका किसी भी हमले का जवाब देने के लिए तैयार है। इससे पहले अमेरिकी सेना ने 13 अप्रैल को भी इसकी तैनाती की थी जब ईरान ने ड्रोन और मिसाइलों से इजरायली क्षेत्र पर हमला किया था। उस समय, इजरायल ने अमेरिका और अन्य सहयोगियों की मदद से करीब 300 ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराया था। बाइडेन ने नेतन्याहू के साथ गुरुवार को फोन कॉल में मिसाइलों और ड्रोन जैसे खतरों के खिलाफ इजरायल की मदद करने के लिए नए अमेरिकी रक्षात्मक सैन्य तैनाती पर बातचीत की है। इससे पहले अमेरिकी रक्षा सचिव ने कहा कि अगर इजराइल पर हमला होता है तो अमेरिका उसकी मदद करेगा। जब ऑस्टिन ये पूछा गया कि क्या हानिया की हत्या में इजराइल का हाथ है और क्या अमेरिका को जानकारी थी? इस पर उन्होंने कहा कि उनके पास कोई जानकारी नहीं है। वहीं ईरान और हमास दोनों ने इजरायल पर हत्या करने का आरोप लगाया है और जवाबी कार्रवाई करने का संकल्प लिया है। इजरायल ने न तो हानिया की हत्या की जिम्मेदारी ली है और न ही इनकार किया है।
हानिया को मई में मारने की थी तैयारी
इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने ईरानी सुरक्षा एजेंट्स को तेहरान की उस इमारत में विस्फोटक लगाने का जिम्मा दिया था, जहां हमास का राजनीतिक नेता इस्माइल हानिया ठहरा हुआ था। रिपोर्ट के मुताबिक, शुरूआत में हानिया को मई में तब मारने का प्लान था जब वह पूर्व ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के अंतिम संस्कार के लिए तेहरान आया हुआ था। रिपोर्ट में दो ईरानी अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि भारी भीड़ के उमडऩे की वजह से ऑपरेशन को रद्द कर दिया गया, क्योंकि इसमें सफलता मिलने की उम्मीद कम थी। मोसाद के निर्देशन में काम कर रहे दो एजेंटों ने उत्तरी तेहरान में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉप्र्स (आईआरजीसी) गेस्टहाउस के तीन अलग-अलग कमरों में विस्फोटक उपकरण रखे थे। यह स्थान रणनीतिक रूप से चुना गया था क्योंकि पूरी संभावना थी कि हानिया यहीं ठहरेगा।
ईरान कभी भी कर सकता है हमला
ईरान की तरफ से इजरायल पर हमले की पूरी आशंका है। ऐसे में इजरायल का साथ देने के लिए अमेरिका पहले से कमर कस रहा है। अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने बताया कि अतिरिक्त बलिस्टिम मिसाइल, क्रूजर और डिस्ट्रॉयर को यूरोपीय और मध्य एशियाई देशों में भेजा जाएगा। हाल ही में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के दौरे के समय राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उनकी मदद करने का वादा किया था। यह कदम इसी वादे को पूरा करने की ओर माना जा रहा है। हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या के बाद स्थिति और गंभीर होने की आशंका है। ईरान ने अब इजरायल को खुली धमकी दे दी है। इसी बीच अमेरिका ने मध्य-पूर्व में अपनी सेना की मौजूदगी बढ़ाने का फैसला किया है। रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को पेंटागन ने कहा कि लडक़ू विमानों के एक बेड़े को मिडल ईस्ट में तैनात किया जाए जिससे कि इस इलाके में सप्लाई बनी रहे। वहीं खबर ये भी है कि रात में इरान ने रॉकेट भी बरसाए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक अहम बैठक में इजरायल की सुरक्षा के लिए तैनात मिसाइल और ड्रोन्स के बारे में पूरी जानकारी ली। अप्रैल के महीने में अमेरिकी सेना ने कई ईरान की तरफ से इजरायल पर दागी गईं कई मिसाइलों को रास्ते में ही खत्म कर दिया था। वहीं अमेरिका ने हमास और हिजबुल्ला नेताओं पर हमले के बाद मिडल ईस्ट में तनाव बढऩे को लेकर चिंता भी जाहिर की है। ऑस्टिन ने यूएसएस अब्राहम लिंकन एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप को मिडल ईस्ट में तैनात करने का आदेश दे दिया है। ओमान की खाड़ी में इसकी तैनाती की जाएगी। ईरान की तरफ से हमला होने पर यहां से सीधे कंट्रोल किया जा सकेगा। वाइट हाउस की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि जो बाइडेन ने ईरान की चुनौती के खिलाफ इजरायल का पूरा साथ देने का वादा किया है। इसके अल्वा हूतियों और हिजबुल्ला से लडऩे में भी अमेरिका पीछे नहीं रहेगा।
ईरानी एजेंट्स ने करवाई हानिया की हत्या
दावा किया गया था कि उनकी मौत इजरायली हवाई हमले में हुई है, लेकिन बाद में सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की, कि गेस्ट हाउस में विस्फोटक लगाकर उसकी हत्या की गई। हानिया ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए तेहरान आया था। इस दौरान वह ईरान की राजधानी उत्तरी तेहरान में स्थित एक गेस्टहाउस में ठहरा था। इजरायल, जिसने हमास के खात्मे की कसम खाई है, ने यह स्वीकार नहीं किया है कि हानिया की मौत के पीछे उसका हाथ था। दो ईरानी अधिकारियों के अनुसार, जासूसी के लिए रिवोल्यूशनरी गाड्र्स कॉप्र्स की विशेष खुफिया इकाई ने जांच का जिम्मा संभाल लिया है और संदिग्धों की तलाश की जा रही है। खुफिया इकाई को उम्मीद है कि हत्या की योजना बनाने, सहायता करने और उसे अंजाम देने वाले हत्यारे दल के सदस्यों तक पहुंच जाएगी।
एजेंट्स ने ईरान छोडऩे के बाद किया ब्लास्ट
ईरानी एजेंट्स के सूत्र ने ही 31 जुलाई को हानिया के अपने कमरे में होने की सूचना दी थी। इसके बाद एजेंट्स ने बम डेटोनेट कर दिया। आईआरजीसी के अधिकारी ने शुक्रवार को टेलीग्राफ से बात करते हुए कहा कि उनकी अनसार अल-महदी यूनिट के एजेंट्स को मोसाद ने इस काम के लिए हायर किया था। अधिकारी ने बताया कि छानबीन के बाद उन्हें बाकी 2 कमरों में लगे बम मिल गए। आईआरजीसी के एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि यह ईरान की तरफ से सुरक्षा में एक बड़ी चूक है। हालांकि सेना इसे छिपाने की कोशिश में लगी है।
रईसी के अंतिम संस्कार में मारना का प्लान
ईरानी अधिकारियों की मदद से आईआरजीसी के गेस्ट हाउस के 3 अलग-अलग कमरों में बम रखे गए थे। यह वही गेस्ट हाउस है, जहां हानिया ठहरा था। मोसाद ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के अंतिम विदाई के कार्यक्रम में ही हानिया को मारना चाहता था। हालांकि तब बहुत ज्यादा भीड़ होने की वजह से प्लान नाकामयाब हो सकता था, इसलिए इसे टाल दिया गया। इसके बाद एजेंट्स ने गेस्ट हाउस के 3 कमरों में बम लगा दिए। फिर वे देश छोडक़र भाग गए। हालांकि उनका एक साथी ईरान में ही रुका रहा। ईरानी अधिकारियों को गेस्ट हाउस में बम लगाने का सीसीटीवी फुटेज भी मिला है।
दो महीने पहले लगाया था गेस्ट हाउस में बम
इससे पहले 1 अगस्त को अमेरिकी मीडिया हाउस न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि हानिया की मौत मिसाइल हमले नहीं बल्कि एक बम धमाके में हुई है। 2 ईरानी समेत मिडिल ईस्ट के 7 अधिकारियों के हवाले से एनआयटी ने बताया था कि जिस बम विस्फोट में वह मारा गया, उसे 2 महीने पहले छिपाकर तेहरान के उस गेस्ट हाउस में लगा दिया गया था, जिसमें हानिया ठहरा था। रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को जैसे ही हानिया के यहां पहुंचने की पुष्टि हुई, किसी बाहरी इलाके से रिमोट के जरिए विस्फोट कर दिया गया था। धमाके के बाद इमारत की दीवार का एक हिस्सा ढह गया। इसके अलावा कई खिड़कियों के शीशे भी टूट गए थे।