नई दिल्ली । अरंड का पेड़ दिखने में साधारण घास की तरह लगता है। धार्मिक और औषधीय दृष्टिकोण से भी यह बहुत महत्व है। इसके बीजों से तेल निकाला जाता है, इस औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसके फायदे इतने हैं कि आपकी कई सारी बीमारियां छूमंतर हो जाएगी। दर्द से लेकर सूजन तक को अरंड के पेड़ का तेल लाभदायक होता है।
स्वास्थ्य जानकारों ने बताया कि अरंड को आयुर्वेद में ‘पंचांगुल’ भी कहा जाता है। क्योंकि इसके पत्ते हाथ के आकार के होते हैं। इसका उपयोग कई बीमारियों में किया जाता है। यदि किसी को कब्ज की समस्या हो, तब अरंड के बीजों से निकाला गया तेल पीने से पेट साफ हो जाता है। कमर दर्द, गठिया, जोड़ों के दर्द और सूजन के लिए भी अरंड का तेल वरदान साबित होता है। अरंड का तेल सिर दर्द के लिए भी लाभकारी होता है, इस लगाने से शरीर की सूजन कम हो जाती है। इसके साथ ही, लीवर के लिए यह सबसे अच्छा टॉनिक माना जाता है।
वहीं इसके बारे में महात्माओं ने बताया कि अरंड के पेड़ पर यम देवता का वास होता है। इस मंगल ग्रह और राहु की शांति के लिए भी उपयोग किया जाता है। अरंड के पेड़ के भीतर ‘ऋषीनैस’ नामक विष पाया जाता है, जिसे पीने से शरीर में उग्रता उत्पन्न होती है। कालरात्रि माता की पूजा में अरंड के पौधे का विशेष महत्व होता है। तांत्रिक क्रियाओं में इसके बीजों का प्रयोग होता है।