तेहरान। ईरान का दावा है कि उसने मिसाइलों से हमला करके, इजरायल के 20 फाइटर जेट विमान ध्वस्त कर दिए हैं जबकि इजरायल कह रहा है कि ईरान की एक एक मिसाइल को नष्ट कर दिया। इससे इजरायल को कोई नुकसान नहीं हुआ है। ईरानी गार्ड्स के अनुसार, उनके निशाने पर इजरायल के तीन सैन्य ठिकाने थे, जिनमें से नेवातिम एयरबेस को विशेष रूप से निशाना बनाया गया। उन्होंने दावा किया है कि इस हमले में नेवातिम एयरबेस पर खड़े कम से कम 20 फाइटर जेट्स को नष्ट कर दिया गया है, जिससे यह एयरबेस अब ऑपरेटिंग स्थिति में नहीं है। हालांकि, इजरायल की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है और नुकसान का सही आंकड़ा भी स्पष्ट नहीं है। इससे पहले, अप्रैल में भी ईरान ने इजरायल पर 110 बैलिस्टिक और 30 क्रूज़ मिसाइलें दागी थीं। लेकिन यह पहली बार है जब ईरान ने हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया है। इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने बताया कि उन्होंने ईरान की अधिकांश मिसाइलों को नाकाम किया, जिसमें उनके दो मुख्य हथियार-आयरन डोम और डेविड्स स्लिंग – का उपयोग किया गया।
बता दें कि ईरान ने मंगलवार की रात इजरायल पर 200 से अधिक मिसाइलें दागी हैं। इस हमले के वीडियो में तेल अवीव सहित अन्य इलाकों में मिसाइलों की बौछार दिखाई दे रही है। ईरानी मीडिया का दावा है कि इन सभी मिसाइलों ने सटीक निशाना बनाया है और टारगेट हिट किए हैं। ईरान के इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड ने इस हमले में पहली बार हाइपरसोनिक मिसाइलों के इस्तेमाल का दावा किया है, और कहा है कि 90 प्रतिशत मिसाइलें अपने लक्ष्यों पर लगीं।आयरन डोम यह इजरायल का प्रमुख एयर डिफेंस सिस्टम है, जो कम दूरी की मिसाइलें, रॉकेट और ड्रोन को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है। आयरन डोम में इंटरसेप्टर होते हैं जो यह पहचान सकते हैं कि कोई मिसाइल या रॉकेट किस इलाके में गिरने वाला है और उसे हवा में ही इंटरसेप्ट कर देते हैं। इसकी सफलता दर 90% है।डेविड्स स्लिंग यह इजरायल का दूसरा महत्वपूर्ण हथियार है, जो लंबी दूरी के रॉकेट, बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों को नाकाम करता है। यह 1 मिनट के अंदर 100 किलोमीटर के दायरे में 200 टारगेट को ट्रैक कर सकता है और 300 किलोमीटर तक की रेंज में मिसाइलों को रोकने की क्षमता रखता है। हाल ही में, जब ईरान ने मोसाद के मुख्यालय को निशाना बनाया, तब डेविड्स स्लिंग ने इजरायली खुफिया एजेंसी की रक्षा की। इस घटनाक्रम ने इजरायल और ईरान के बीच के तनाव को और बढ़ा दिया है, जिससे क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति और भी जटिल हो गई है।