पटना । चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने 2 मई 2022 को अपनी सामाजिक मुहिम जन सुराज की शुरुआत की थी। यह मुहिम अब राजनीतिक पार्टी के रूप में विकसित हो रही है। उनकी राजनीतिक यात्रा के बारे में सभी जानते हैं; पहले वह दूसरों की चुनावी जीत के लिए काम करते थे, लेकिन अब खुद राजनीति के मैदान में उतर रहे हैं। सीमांचल क्षेत्र, जिसमें कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज और अररिया शामिल हैं, में उनके अभियान का खासा प्रभाव देखा जा रहा है।
हालांकि इस पर विरोधी दल भी गहरी नजर रख रहे हैं। विरोधियों का कहना है कि चुनाव में टिकट बंटवारे के बाद जन सुराज का बंटाधार होना तय है। लेकिन उनके समर्थक मानते हैं कि सीमांचल के संसाधनों की कमी के बावजूद, इस स्तर के लोग पार्टी से जुड़ रहे हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि जन सुराज में कुछ खास है। इस बीच, प्रशांत किशोर की राजनीतिक मार्केटिंग के लिए आईपैक की 70 सदस्यीय टीम पिछले कई महीनों से केवल कटिहार के लिए काम कर रही है। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशांत किशोर अपनी पार्टी के जरिए बिहार की राजनीति में किस प्रकार का बदलाव लाते हैं।
प्रशांत किशोर, जो कभी राजनीति को एक प्रोडक्ट मानते थे, अब बिहार की राजनीति में सक्रिय रूप से कदम रख रहे हैं। वह आज, 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर पटना वेटेनरी कॉलेज ग्राउंड में अपनी पार्टी की शुरुआत की हैं। इस समय बिहार में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या प्रशांत किशोर का जनता पर प्रभाव पड़ेगा, खासकर सीमांचल के इलाकों में। चार जिलों में अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय का प्रभाव है, जबकि हिंदू समाज में बैकवर्ड वर्ग के लोग अधिक हैं। ऐसे में राजद जैसी पार्टियां प्रशांत किशोर के जन सुराज को कमजोर करने के लिए उनके नाम का उपयोग कर रही हैं। प्रशांत किशोर से जुड़े कटिहार के सत्यनारायण शर्मा का कहना है कि 2 अक्टूबर 2022 को प्रशांत किशोर की पद यात्रा में सबसे ज्यादा 400 लोग कटिहार से शामिल हुए थे। उन्होंने सही लोग, सही सोच के नारे के साथ एक विजन पेश किया है, जिससे लोग लगातार जुड़ते जा रहे हैं। हाल ही में, इंग्लैंड में डॉक्टरी कर रहे डॉक्टर गौतम कुमार ने भी जन सुराज से जुड़ने का निर्णय लिया है।