आगरा । देश के कई हिस्सों से आए दिन धर्मांतरण के मामले सामने आ रहे हैं। यहां हाल ही में एक और अवैध धर्मांतरण गिरोह के खुलासे के बाद जिले में भी खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। पूर्व में अवैध धर्मांतरण व विदेशी फंडिंग में दोषी पाए गए उमर गौतम ने अलीगढ़ में भी अपना नेटवर्क फैला रखा था। गिरफ्तारी के बाद उसकी लिस्ट में 33 महिलाओं के नाम थे, जिन्होंने 2018 में धर्मांतरण किया था, जिनमें तीन महिलाएं अलीगढ़ की थीं। वह लोगों को नौकरी का लालच देता था। वहीं, जिले में जनवरी से अब तक 97 महिलाएं लापता हैं, जिनमें 17 किशोरियां हैं।
धर्मांतरण के मुख्य आरोपी छांगुर पर कार्रवाई के बाद एजेंसियों ने तलाशा कि उसका जिले से तो कोई कनेक्शन नहीं है। हालांकि ऐसा कोई कनेक्शन सामने नहीं आया। वहीं, अब आगरा पुलिस की छह राज्यों में कार्रवाई के बाद जिले में भी पुलिस सक्रिय हो गई है। चूंकि पूर्व में यहां भी धर्मांतरण के कई मामले सामने आ चुके हैं। साथ ही इस तरह के आरोपियों से अलीगढ़ के तार जुड़े रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों से जनवरी से अब तक कुल 97 महिलाएं लापता हैं। इनमें अधिकतर को बहला-फुसलाकर ले जाने का आरोप है। इनके परिजन भी तलाश में चक्कर काट रहे हैं। ऐसे में पुलिस ने नए सिरे से तलाश शुरू कर दी है कि कहीं इनमें से कोई धर्मांतरण की बलि तो नहीं चढ़ गया।
जब भी धर्मांतरण से जुड़ा कोई गिरोह पकड़ा गया, तब अलीगढ़ से उसका कनेक्शन जरूर सामने आया। ऐसे में अब आगरा की कार्रवाई के बाद स्थानीय एटीएस ने भी जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है। हालांकि अभी तक किसी तरह की संदिग्ध बात सामने नहीं आई है। एसएसपी संजीव सुमन ने बताया कि जिले में अभी तक किसी भी एजेंसी ने संपर्क नहीं किया है। न ही ऐसी कोई शिकायत आई है। ऐहतियातन एजेंसियां सतर्क दृष्टि बनाए हुए हैं।
पूर्व में उमर गौतम का अलीगढ़ से नाम जुड़ा रहा था। वह गरीब बस्तियों में जाकर लोगों को जोड़ता था। इसके लिए पूरी टीम बना रखी थी। वहां धार्मिक पुस्तकों का वितरण करता था। जिन महिलाओं का धर्मांतरण कराया, उन्हें उमर ने शाइनिंग स्टार्स नाम दिया था। इसके अलावा उमर के भाषण का एक वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ था। बाद में उसे हटा दिया गया। उसमें वह इस्लाम के महत्व पर जोर देता दिख रहा था। वह श्याम प्रताप गौतम से मो. उमर बना था। इसके अलावा कलीम सिद्दीकी भी लखनऊ अवैध धर्मांतरण मामले में एनआईए एटीएस कोर्ट द्वारा दोषी करार दिया गया कलीम सिद्दीकी भी अपने परिचितों से मिलने के लिए अलीगढ़ आता था। एटीएस को उसके यहां आने की जानकारी मिली थी। दो साल पहले गाजियाबाद में भी धर्मांतरण रैकेट पकड़ा गया था। इसमें मुख्य आरोपी अब्दुल्ला के बारे में जानकारी मिली थी कि वह सौरभ से अब्दुल्ला बना था। उसने एएमयू से बीडीएस किया था। परिसर में रहते हुए सौरभ धर्मांतरण की प्रक्रिया से गुजरा था। इसके बाद गोपनीय रूप से पुलिस ने जानकारी भी जुटाई थी।