नवान्न पर्व पर भोलेनाथ को लगाया जाएगा दही-चूड़ा का भोग
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बासुकीनाथ मंदिर प्रांगण में पवित्र अग्नि प्रज्वलित कर को घी के साथ नवान्न की आहूति देकर स्विष्टकृत होम किया जाएगा
जरमुंडी । नवान्न पर्व पर बाबा बासुकीनाथ को धान की नई फसल समर्पित करने के लिए आज सोमवार को दही चुड़ा का भोग लगाया जाएगा। इस अवसर पर धान की नई फसल से तैयार अक्षत व चूड़ा को गाय के दूध और दही के साथ ईख,नारियल, ऋतुफल व मिष्ठान्न आदि के साथ महादेव को निवेदित किया जाएगा। नवान्न पर्व पर बासुकीनाथ मंदिर परिसर में पवित्र यज्ञाग्नि प्रज्जवलित कर नये धान का अक्षत व शुद्ध घी से आहूतियां देकर स्विष्टकृत होम किया जाएगा। यज्ञाहुति में नंदीमहाराज आदि सांगोपांग शिवपार्षदों और माता पार्वती सहित बाबा बासुकीनाथ को पवित्र आहुतियां देकर ब्राह्मण भोजन कराया जाता है। इस अवसर पर बासुकीनाथ प्रक्षेत्र में और इसके आसपास निवास करने वाले शिव भक्तों द्वारा बाबा बासुकीनाथ को नवान्न चढ़ाया जाता है। बाबा बासुकीनाथ को नावां चढ़ाने के बाद स्थानीय लोग अपने घर आंगन में पवित्र अग्नि प्रज्वलित कर स्विष्ट कृत होम करते हैं। पवित्र अग्नि को यज्ञ भाग देकर बासुकीनाथ प्रक्षेत्र के निवासी अपने-अपने कुटुंबियों और परिजनों सहित ईष्ट मित्रों के साथ धान की नई फसल से तैयार चूड़ा और दही प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं इसके साथ ही धान की नई फसल को परिवार के भरण पोषण हेतु व्यवहार में लाया जाता है। यहां बता दें कि नवान्न प्राशन के लिए पूर्व निर्धारित तिथि के अनुसार मार्गशीर्ष कृष्ण तृतीया सोमवार को बाबा बासुकीनाथ प्रक्षेत्र में नवान्न की तिथि महादेव से अनुमति लेकर घोषणा की गई थी। परंपरा और लोक संस्कृति का यह पर्व धान की फसल पकने पर मनाया जाता है। नवान्न पर्व से जुड़े परंपरा के अनुसार बासुकीनाथ प्रक्षेत्र के निवासी महादेव को अपना राजाधिराज और स्वयं को उनका आश्रित प्रजाजन मानते रहे हैं। महादेव के यहां के निवासियों के ईष्टदेव हैं।महादेव की सत्ता के अधीन निवास करनेवाली यहां की प्रजा स्वयं के लिए नवीन फसल का उपयोग करने से पूर्व सबसे पहले महादेव को नवीन अन्न अर्पित करते हैं। इसके बाद ही इसका उपयोग किया जाता है। वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार बाबा बासुकीनाथ की अनुमति से निर्धारित नवान्न की तिथि पर बासुकीनाथ, जरमुंडी, जामा, हंसडीहा, रामगढ़, सरैयाहाट, दुमका, सहारा, तालझारी, हरिपुर, सहित आसपास के सैकड़ों गांव में भी नियम निष्ठा के साथ नवान्न पर्व मनाया जाता है।