नागपुर । महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। इसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह नागपुर और विदर्भ क्षेत्र के सभी 62 विधानसभा क्षेत्रों के पार्टी पदाधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं को साफ संदेश दिया कि चुनाव से पहले पार्टी में विद्रोह और गुटबाजी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शाह ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कोई नेता टिकट न मिलने पर बगावत करता है, तो उसे इसके लिए गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
शाह ने पार्टी के नेताओं से कहा कि वे न सिर्फ बीजेपी उम्मीदवारों के लिए बल्कि गठबंधन में शामिल शिवसेना और एनसीपी उम्मीदवारों के लिए भी एकजुट होकर काम करें। उन्होंने विदर्भ क्षेत्र में 45 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है और महायुति सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को मतदाताओं तक पहुंचाने का आह्वान किया। महाराष्ट्र में सत्ता में वापसी के लिए बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के गठबंधन को मजबूती से चुनाव लडऩा होगा। शाह ने कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर संगठन को और मजबूत करने और चुनावी तैयारियों में तेजी लाने को कहा। मतदाताओं को सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताने की अपील की। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि आगामी नवरात्रि और दिवाली के त्योहारों का इस्तेमाल मतदाताओं के साथ बेहतर तालमेल स्थापित करने के लिए किया जाना चाहिए। अमित शाह ने कार्यकर्ताओं को विपक्षी दलों पर नजर रखने और असंतुष्ट नेताओं को महायुति में लाने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि यदि किसी विपक्षी दल का नेता अपनी पार्टी से असंतुष्ट है, तो उसे गठबंधन में शामिल किया जा सकता है, चाहे उसका राजनीतिक अतीत कुछ भी हो। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बीजेपी को सिर्फ अपनी जीत पर ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि महायुति के लिए भी पूरी प्रतिबद्धता से काम करना चाहिए। शाह ने विदर्भ क्षेत्र में कार्यकर्ताओं को महायुति गठबंधन के पक्ष में हर संभव प्रयास करने के लिए प्रेरित किया और कहा कि सत्ता में वापसी के लिए यह चुनाव निर्णायक साबित हो सकता है।
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